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Thursday, June 16, 2022

अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस - इतिहास , उपयोगिता एवं अन्य जानकारी

 कब हुई शुरुआत?

  • हर साल पूरी दुनिया में अंतरराष्ट्रीय योग दिवस 21 जून को मनाया जाता है।
  •  इस दिन लोग सुबह से ही योग करते हैं। 21 जून 2015 को पहला अंतरराष्ट्रीय
  •  योग दिवस मनाया गया था। वहीं, संयुक्त राष्ट्र में भारत की पहल पर 
  • दुनिया के लगभग सभी देश स्वस्थ रहने के लिए योग के प्रसार की इस
  •  मुहिम में शामिल हुए थे।

अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के लिए 21 जून ही क्यों?

  • 21 जून को हर साल पूरी दुनिया अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के रूप में मनाती है। 
  • इस दिन की खासियत है कि ये साल के 365 दिन में से सबसे लंबा दिन होता है। 

  • 21 जून को उत्तरी गोलार्ध पर सबसे ज्यादा सूर्य की रोशनी पड़ती है, 
  • जिसकी वजह से ये सबसे लंबा दिन होता है। ऐसे में योग के
  •  निरंतर अभ्यास से व्यक्ति को लंबा जीवन मिलता है। 
  • इसलिए इस दिन को योग दिवस के रूप में मनाने का फैसला किया गया।

इस दिन हुई थी घोषणा

  • वहीं, 11 दिसंबर 2014 को संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 21 जून को 
  • अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मनाने की घोषणा की थी। इसके बाद 
  • अगले साल यानी 21 जून 2015 को दुनिया भर में अंतरराष्ट्रीय
  •  योग दिवस मनाया गया, और तब से हर साल इस दिन को बड़ी ही
  •  धूमधाम से मनाया जाता है। हालांकि, कोरोना काल होने की वजह 
  • से पिछले साल 2019 में इस दिन को डिजिटल मीडिया प्लेटफॉर्म 
  • पर मनाया गया था। ऐसे में इस साल भी इसे डिजिटल मीडिया
  •  प्लेटफॉर्म पर मनाया जा सकता है।

अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस का लोगो (International Yoga Day Logo)

  • अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के लोगो में एक व्यक्ति को दोनों हाथ जोड़ते हुए दिखाया गया है, 
  • जो की योग के साथ साथ, मन और शरीर, मनुष्य और प्रकृति के बीच की 
  • एकता को दर्शाता है.
  • इस लोगो को बनाने में हरे, भूरे, पीले और नीले रंग का इस्तेमाल किया गया है 
  • और ये रंग अलग अलग चीजों को रिप्रेजेंट करते हैं.
  • योग के लोगो में दिखाई गई, हरे रंग की पत्तियां प्रकृति का प्रतीक हैं, 
  • भूरे रंग के पत्तियां पृथ्वी तत्व का प्रतीक हैं, नीला रंग पानी का प्रतीक है,
  •  पीला रंग आग तत्व का प्रतीक है और सूरज ऊर्जा और प्रेरणा के 
  • स्रोत का प्रतीक है.
  • इसके अलावा इस लोगो में सबसे नीचे ‘योग फॉर हारमनी एंड पीस’
  •  लिखा गया है. क्योंकि योग की मदद से लोगों को हारमनी एंड पीस मिलता है.

महत्वपूर्ण योगासन के नाम (Yoga asanas with names and information Protocol)

यहाँ पर हम आपको कुछ योगासन एवं उसे किस तरह से किया जाता है उसकी जानकारी देने जा रहे हैं, जोकि इसप्रकार है –

ताड़ासन

इसमें सीधे खड़े होकर धीरे- धीरे अपना पूरा वजन पंजे पर डालते हैं और एड़ी को उपर उठाते हैं. इस स्थिती को दौहरता  हैं और इसी स्थिती में कुछ देर खड़े रहते हैं इसे होल्ड करना कहते हैं.

पादहस्तासन

सीधे खड़े होकर आगे की तरफ झुकते हैं और घुटने मोड़े बिना अपने पैरो के अंगूठे छूते हैं. 

इसके बाद अपने सिर को जन्घो पर टच करने की कोशिश करते हैं.

शीर्षासन

इसमें सिर के बल पर खड़ा हुआ जाता हैं.

त्रिकोणासन

इसमें सीधे खड़े होकर पैरो के मध्य कुछ जगह की जाती हैं. कमर से नीचे की तरफ झुकते हैं

 साथ ही बिना घुटने मोड़े सीधे हाथ से उलटे पैर के पंजे को एवम उलटे हाथ से सीधे पैर के 

पंजे को स्पर्श करते हैं.

वज्रासन

दोनों पैरो को मोड़ कर, रीढ़ की हड्डी को सीधा रख कर अपने हाथों को घुटनों पर रखते हैं.

शलभासन

इसमें पेट के बल लेता जाता हैं एवम हाथो और पैरो को सीधे हवा में खोल कर रखा जाता हैं.

धनुरासन

इसमें पेट के बल पर लेट कर हाथो से पैरो को पकड़ा जाता हैं. एक धनुष का आकार बनता हैं.

चतुरङ्गदण्डासन

इसमें उलटा लेट कर अपने हाथ के पंजो एवम पैर की उँगलियों पर शरीर का पूरा बैलेंस बनाया जाता हैं.

भुजङ्गासन

इसमें उल्टा लेट कर पेट, जांघ, घुटने एवम पैर के पंजे सभी जमीन पर होते हैं और शरीर के 

आगे का हिस्सा हाथों के बल पर उपर की तरह उठाया जाता हैं. इसमें हाथ की कोहनी 

थोड़ी सी मुड़ी हुई होती हैं.

ऐसे ही कई आसन है, जिन्हें आपको सीख कर रोजाना करना चाहिये. 

आसन दुबले एवम पतले सभी लोगो के लिए हितकारी हैं. विशेष बात 

आसन करते वक्त व्यक्ति को अपने सामर्थ्य के हिसाब से ही आसन 

करना चाहिये, सभी के शरीर का लचीलापन अलग होता हैं और वह 

उसी के मुताबिक आसन कर पाता हैं.

अंतरर्राष्ट्रीय योग दिवस क्यों मनाया जाता है?

योग जीवन के लिए उतने ही जरुरी है, जितना की एक BP के मरीज को

उसकी टेबलेट. किसी बीमारी में पड़कर फिर उसके इलाज के लिए इधर 

उधर भागना और बहुत खर्चा करना, इससे बेहतर हैं आज से ही योग के 

लिए वक्त निकालना. ना इसमें कोई खर्चा होता हैं और न ही कोई नुकसान.

 योग के बस फायदे होते हैं, जिन्हें दुनिया के सभी लोगो ने माना है, इसलिए 

देश में अन्तराष्ट्रीय योग दिवस मनाया जा रहा हैं. दुनिया में बढ़ती हुई बीमारियों 

को देखते हुए यह बहुत अच्छा निर्णय हैं जो विश्वस्तर पर लिया गया हैं. जरुरी 

नहीं हैं कि योग के लिए कई घंटो का वक्त निकाला जाए, 30 मिनिट भी 

आपके लिए फायदेमंद होंगे. योग केवल मोटे लोगो या बीमार लोगो के लिए 

ही जरुरी नहीं हैं. योग व्यक्ति का सर्वांगिक विकास करता हैं. शारीरिक

 विकास के साथ मनो विकास भी करता हैं.

अंतरराष्ट्रीय योग दिवस उद्देश्य

योग दिवस की घोषणा के पीछे एक ही उद्देश्य है, धर्म जाति से उपर उठकर 

समाज कल्याण के लिए एक शुरुआत करना. योग से जीवन के हर क्षेत्र में

 लाभ हैं इससे कई तकलीफों का अंत हैं. अतः सभी धर्म एवम जाति में 

योग के प्रति जागरूकता होनी चाहिये.

योग के फायदे (Benefits Of Yoga)

फिटनेस

योग से शारीरिक तंदुरुस्ती तो आती ही हैं, लेकिन सबसे ज्यादा मानसिक 

शांति मिलती हैं. इससे मन शांत रहता हैं एवम तनाव कम होता हैं

साथ ही यह शरीर की सभी क्रियाओं को नियंत्रित भी करता हैं. योग से 

जीवन के सभी भाव नियंत्रित होते हैं जैसे ख़ुशी, दुःख, प्यार.

शरीर स्वस्थ रहता हैं :

योग  से शरीर का ब्लड का प्रवाह नियंत्रित रहता है, जिससे शरीर में 

चुस्ती आती है, जो कि हानिकारक टोक्सिंस को बाहर निकालती है, 

जिससे शरीर के विकार दूर होते हैं और रोगियों को इससे आराम मिलता हैं. साथ ही सकारात्मकता का भाव प्रवाहित होता हैं. जिससे शरीर स्वस्थ रहता हैं.

वजन कम होता हैं :

योग की सबसे प्रभावशाली विधा हैं सूर्य नमस्कार, जिससे शरीर में 

लचीलापन आता हैं. रक्त का प्रवाह अच्छा होता हैं. शरीर की अकड़न, 

जकड़न में आराम मिलता हैं. योग से वजन नियंत्रित रहता हैं. 

जिनका वजन कम है, वह बढ़ता हैं और जिनका अधिक हैं कम होता हैं.

चिंता का भाव कम होता हैं :

योग से मन एकाग्रचित्त रहता है, उसमे शीतलता का भाव आता है 

और चिंता जैसे विकारों का अंत होता हैं.योग से गुस्सा कम आता है, 

इससे ब्लड प्रेशर नियंत्रित रहता है, जिससे शारीरिक एवम मानसिक संतुलन बना रहता हैं.

मानसिक शांति

योग से मन शांत रहता हैं. दिमाग दुरुस्त होता है, जिससे

 सकारात्मक विचार का प्रवाह होता हैं. सकारात्मक भाव से 

जीवन का नजरिया बदल जाता हैं. इन्सान को किसी भी वस्तु, 

अन्य इन्सान या जानवर में कुछ गलत दिखाई नहीं देता. किसी के लिए मन में बैर नहीं रहता.इस तरह योग से मनुष्य का मनोविकास होता हैं.

मनोबल बढ़ता हैं :

योग से मनुष्य में आत्मबल बढ़ता हैं, कॉन्फिडेंस आता हैं. जीवन के 

हर क्षेत्र में कार्य में सफलता मिलती हैं. मनुष्य हर परिस्थिती से लड़ने के

 काबिल होता हैं. साथ ही जीवन की चुनौतियों को उत्साह से लेता हैं

प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती हैं :

योग  से उपापचय की क्रिया दुरुस्त होती हैं और श्वसन क्रिया संतुलित होती हैं 

जिससे मनुष्य में रोगों से लड़ने की क्षमता बढ़ती हैं. बड़ी से बड़ी बीमारी से 

लड़ने के लिए शक्ति का संचार होता हैं. योग एवम ध्यान में बड़ी से 

बड़ी बीमारी के लिए उपाय हैं.

जीवन के प्रति उत्साह बढ़ता :

योग को आप जादू भी कह सकते है, नियमित योग करने से 

जीवन के प्रति उत्साह बढ़ता हैं. आत्मबल बढ़ता हैं, सकारात्मक भाव आता है, 

साथ ही आत्म विश्वास में भी वृद्धी होती है, जिससे जीवन के प्रति उत्साह बढ़ता हैं.

ऊर्जा बढ़ती हैं :

मनुष्य रोजाना कई गतिविधियाँ करता है और दिन के अंत में थक जाता है,

लेकिन अगर वह नियमित योगा करता है, तो उसमे उर्जा का संचार होता हैं. 

थकावट या किसी भी काम के प्रति उदासी का भाव नहीं रहता. सभी 

अंगो को अपना कार्य करने के लिए पर्याप्त उर्जा मिलती है, क्यूंकि

 योग से भोजन का सही मायने में पाचन होता हैं जो दैनिक उर्जा को बढ़ाता हैं.

शरीर लचीला बनता हैं

योग से शरीर की जकड़न खत्म होती हैं. शरीर में वसा की मात्रा कम होती हैं 

जिससे लचीलापन आता हैं. लचीले पन के कारण शरीर में कभी अनावश्यक 

दर्द नहीं रहता. और शरीर को जिस तरह का होना चाहिये, उसकी बनावट

 धीरे-धीरे रोजाना योग करने से ठीक हो जाती हैं.

भारत को योग का जनक क्यों कहते हैं ?

अन्तराष्ट्रीय योग दिवस की बात हो रही है तो भारत की बात क्यों ना हो! क्योंकि योग 

का इतिहास भारत में ही है. माना जाता है की योग का इतिहास आज से 27000 साल पुराना है. 

कहते हैं की 200 ई.पू. महर्षि पतंजलि ने योगसूत्र को लिखा था. योग संस्कृत से प्राप्त हुआ शब्द है, 

यही वजह है की एक समय यह सिर्फ हिन्दू धर्म के लोगों तक सीमित था. महर्षि पतंजलि ने 

अष्टांग योग के बारें में भी बताया, उन्ही की वजह से यह एक धर्म में ना रहकर सम्पूर्ण दुनिया 

में फैलाया गया. आज विज्ञान भी योग के महत्व को बताती है. आज योग हमारे जीवन का 

अहम हिस्सा बना हुआ है चाहे वह स्वास्थ्य के लिए हो या आत्मशांति के लिए.

अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस अनमोल वचन (Yoga Quotes in Hindi)

  • योग करने से ना केवल बॉडी को पावर और एनर्जी मिलती है, बल्कि मन को पीस भी मिलता है. इसलिए हर दिन योग करने से व्यक्ति मानसिक रूप से शांत और हेल्दी रहता है.
  • योग की सहायता से व्यक्ति को उन चीजों को सही करने की ताकत मिलती है, जो कि सही हो सकती हैं और उन चीजों को सहने की भी ताकत मिलती हैं, जो कि सही नहीं हो सकती हैं.
  • योग कोई धर्म नहीं है, ये एक साइंस, साइंस ऑफ़ वेल बीइंग, साइंस ऑफ़ यूथफुलनेस, साइंस ऑफ़ इंटेग्रटिंग बॉडी, माइंड एंड सोल है
  • जो लोग बहुत अधिक खाना खाते हैं वो लोग योग नहीं कर सकते हैं, जो व्यक्ति बिल्कुल खाना नहीं खाते हैं, उनके लिए भी योग संभव नहीं है. इसके साथ ही जो बहुत ज्यादा सोते हैं,या फिर बहुत ज्यादा जागते हैं उनके लिए भी योग करना पॉसिबल नहीं है.

सन्दर्भ  - 

https://www.deepawali.co.in/international-yoga-divas-in-hindi.html

https://www.amarujala.com/photo-gallery/lifestyle/international-yoga-day-2021-theme-history-know-the-importance-and-theme-of-international-yoga-day-here

https://www.jagranjosh.com/general-knowledge/international-day-of-yoga-21st-june-in-hindi-1466428982-2



International Yoga Day - History, significance and importance ( KV Dappar )

 WHEN IS INTERNATIONAL YOGA DAY CELEBRATED

International Yoga Day is celebrated annually on June 21

When did International Yoga Day start ?
 
On September 27, 2014, during his speech at the UN General Assembly, Prime Minister Narendra Modi put forth his suggestion for the occasion of a ‘Yoga Day’. The draft resolution proposed by India was then endorsed by a record 177 member states. The first International Day of Yoga was observed around the world on June 21, 2015.

Why do we celebrate Yoga Day ?
 
PM Modi, during his speech at the UNGA, said, "Yoga is an invaluable gift of India's ancient tradition. It embodies unity of mind and body; thought and action; restraint and fulfillment; harmony between man and nature; a holistic approach to health and well-being. It is not about exercise but to discover the sense of oneness with yourself, the world and the nature. By changing our lifestyle and creating consciousness, it can help in well being. Let us work towards adopting an International Yoga Day."
 
What is the theme of Yoga Day 2022
 
The theme for International Yoga Day 2020 is "Yoga and humanity"

Who started Yoga Day?
 
177 member states of UNGA endorsed PM Modi's suggestion to celebrate June 21 as International Yoga Day.
 
Previous themes of International Yoga Day
 
2015: Yoga for Harmony and Peace
2016: Yoga for the achievement of the Sustainable Development Goals
2017: Yoga for Health
2018: Yoga for Peace
2019: Yoga for Heart
2020: Yoga at Home and Yoga with Family
2021:  'Yoga For Wellness'
2022:   Yoga and humanity
 
Why is June 21 celebrated as Yoga Day?
 
June 21, also called summer solstice, is the longest day of the year. Therefore, it was decided that the International Yoga Day would be celebrated on this day.
 
Importance of Yoga
 
Practiced in India since the 5th century, Yoga has been beneficial in keeping the body and mind in sound health. A holistic approach, Yoga targets all the different systems of the body and mind. It is said that the asanas make the body strong and flexible, as health improves; the mind too is renewed with confidence. The practice of Pranayama regulates the purification of the internal system and the organs, acting as a superior and able supplement to asanas. The energy that is generated in the body through these physical practices is then channeled into meditation or Dhyan for stability, peace and calm.

What are the objectives of the International Day of Yoga

- Make people aware of the benefits of yoga and connect them with nature.

- To reduce the rate of health-challenging diseases in the world.

- Spreading growth, development, and peace throughout the world.

- Making people aware of physical and mental illnesses and providing solutions through yoga.- It also aims to develop a habit of meditation for peace of mind, self-awareness which is necessary to survive in a stress-free environment.

INSPIRATIONAL QUOTES ON INTERNATIONAL YOGA DAY

  • Yoga takes you into the present moment. The only place where life exists
  • Yoga is a mirror to look at ourselves from within.
  • When you listen to yourself, everything comes naturally. It comes from inside, like a kind of will to do something. Try to be sensitive. That is yoga.
  • Yoga is not a work-out, it is a work-in, and this is the point of spiritual practice, to make us teachable. To open up our hearts and focus on our awareness so that we can know what we already know and be who we already are
  • Yoga does not just change the way we see things, it transforms the person who sees





 

INTERNATIONAL YOGA DAY QUIZ 2022 - ACHIEVEMENT BY PARTICIPANTS























 





SAY 'NO' TO DRUGS - PLEDGE BY KV DAPPAR STUDENTS 2022








 

ANNUAL ACADEMIC INSPECTION